अवधी साहित्य
भारत कय अवध क्षेत्र कय भाषा अवधी कहात अहै, जवन राष्ट्रभाषा हिन्दी कय एक उपभाषा होय।[१] अवधी कय प्राचीन साहित्य बड़ा संपन्न अहै। यहमा भक्ति काव्य अउर प्रेमाख्यान काव्य दुनों कय विकास भय।
इतिहास
[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करैं]भक्तिकाव्य अउर प्रेमाख्यान काव्य, प्राचीन अवधी साहित्य कय दुई शाखा होय।
भक्तिकाव्य
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भक्तिकाव्य कय शिरोमणि ग्रंथ गोस्वामी तुलसीदास कृत ‘रामचरितमानस’ होय। भक्तिकाव्य में गोस्वामी तुलसीदास कय रामचरितमानस (संवत 1631) अवधी साहित्य कय प्रमुख कृति होय। एकर भाषा संस्कृत शब्दावली से भरा अहै। रामचरितमानस कय अतिरिक्त तुलसीदास अउर बहुत ग्रंथ अवधी में लिखा अहैं। इही भक्ति साहित्य कय अंतर्गत लालदास कय "अवधबिलास" आवत अहै। एकर रचना संवत् 1700 में भय।
प्रेमाख्यान काव्य
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प्रेमाख्यान काव्य में सर्वप्रसिद्ध ग्रंथ मलिक मुहम्मद जायसी रचित "पद्मावत" अहै, जेकर रचना "रामचरितमानस" से 34 वर्ष पहिले भय। दोहा चौपाई कय जवन क्रम "पद्मावत" में है प्राय: उहै "मानस" में मिलत है
वर्तमान में अवधी साहित्य
[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करैं]पढ़ीस, मृगेश, वंशीधर शुक्ल, रमई काका, पं.द्वारिका प्रसाद मिश्र, विश्वनाथ पाठक, त्रिलोचन शास्त्री, डॉ॰ श्यामसुंदर मधुप, बेकल उत्साही, पारस भ्रमर, विकल गोंडवी, जुमई खां आजाद, आद्या प्रसाद उन्मत, निर्झर प्रतापगढ़ी, असविंद द्विवेदी, जगदीश पीयूष, विक्रम मणि त्रिपाठी जैसन अनेक रचनाकार है, जेकर अवधी साहित्य में अमूल्य योगदान रहा अहैं।