कार्तिक पूर्णिमा
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कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा, देव दीपावली अउर गंगा स्नान के नाम से भी जाना जात अहै[१]। ई पूर्णिमा का त्रिपुरी पूर्णिमा कहा जात है काहे से कि ई दिन भगवान भोलेनाथ भयंकर राक्षस त्रिपुरासुर का नाश किहिन अऊर ओनका त्रिपुररी कहिके पूजा कीन गा। माना जात है कि आज के दिन कृतिका मा भगवान शिव के दर्शन से मनई सात जनम तक ज्ञानी अऊर धनी बन जात है। आज के दिन जब आकाश मा चंद्रमा उग रहा है तौ शिव, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूय, क्षमा नाम के षट्ठ कृतिका के पूजा कइके शिव के सुख प्राप्त होत है। यहि दिन गंगा नदी मा नहाये से साल भर नहाये से इनाम भी मिलत है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन तमिलनाडु मा माउंट अरुणाचल प्रदेश का १३ किलोमीटर का सर्किट बनावा जात है। हिंआ लाखन मनई आये अहैं अउर घूम के आपन पुण्य अर्जित करत अहैं।

सन्दर्भ
[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करैं]- ↑ Kumar, Paramjeet (21 October 2025). "100 साल के बाद कार्तिक पूर्णिमा पर अदभुत संयोग, हरी और हर की बरसेगी कृपा". News18 हिंदी (हिन्दी में). अभिगमन तिथि 23 October 2025.