नाग पन्चमी
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आधिकारिक नाँव | नाग पन्चमी |
दुसर नाँव | गुडिया तिउहार |
मनावय वाले | हिन्दू, भारतीय, भारतीय प्रवासी |
किसिम | धार्मिक, सामाजिक |
उद्देश्य | धार्मिक निष्ठा, उत्सव,मनोरंजन |
सुरुवात | बहुतय पुरान |
तिथि | सावन अजोर पाख पन्चमी के तिथि |
रिवाज | नाग पुजा |
उत्सव | झलुवा झुलेक,गुड्डिन पिटेक |
सावन अजोर पाख पन्चमी के तिथि कै दिन कै नाग पन्चमी या गुडिंया तिउहार के रूप मे मनावै कै प्रचलन है।यहि पर्व मे एकओर साप कै पुजा किहा जात है तौ दुसरे वोर गुडिंया पिटा जात है ।यहि दिन भिन्नही उठिकै घर लिपपोत कैकय घरके दिवाल मे बहरे से गोबर से गोठा जात है।दिवाल मे साप , बिच्छी इत्यादि कै चित्र बनवा जात है।गाव के नागदेवता के थान्ह पे मेहरारु लोग दूध ,धान कै लावा औ भिजावा चना चढावै कय चलन है।यहि पर्व मे घुंघुरी खायकै चलन है। यहि दिने खीर, पुडीं,गुलगुला, गोझिया खाय कै चलन है।यहि दिने संझा कै बिटियै लोग नवानवा कपडा पहिर कै रंगीबिरंगी कपडा कै गुडिंया बनाय कै औ लडिके लोग बाँस मे रंगीबिरङ्गी कागज कै झालर कै झन्डी बनाय कै गाव के बहरे डहरचन्नी पर जुटि कै बिटियै लोग गुडिया फेकत ही औ लडिके लोग बाँस के झन्डी से पीटत है।औ यकरे बाद लड्की लोग प्रसाद बाट्त ही।इहि तिउहार मे लडिके बिटियय लोग झलुवा झुलत है।यहि मेर गुडिया पर्व मनावा जात है ।