पेहवा

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पिहोवा (पेहवा)
—  हरियाणा कय एक्ठु नगर  —
सरस्वती मंदिर की दीवार पय एक मूरती
सरस्वती मंदिर की दीवार पय एक मूरती
सरस्वती मंदिर की दीवार पय एक मूरती
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य हरियाणा
विधायक Jaswinder Singh Sandhu
सांसद Raj Kumar Saini
जनसंख्या
घनत्व
२,५५,३०७ (2011 के अनुसार )
• ४६६ /किमी2 (१,२०७ /वर्ग माइल)
क्षेत्रफल
ऊँचाई (AMSL)
५४८ km² (२१२ sq mi)
• २२७ मीटर (७४५ फी॰)

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पिहोवा (पेहवा)
—  हरियाणा कय एक्ठु नगर  —
सरस्वती मंदिर की दीवार पय एक मूरती
सरस्वती मंदिर की दीवार पय एक मूरती
सरस्वती मंदिर की दीवार पय एक मूरती
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य हरियाणा
विधायक Jaswinder Singh Sandhu
सांसद Raj Kumar Saini
जनसंख्या
घनत्व
२,५५,३०७ (2011 के अनुसार )
• ४६६ /किमी2 (१,२०७ /वर्ग माइल)
क्षेत्रफल
ऊँचाई (AMSL)
५४८ km² (२१२ sq mi)
• २२७ मीटर (७४५ फी॰)

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पिहोवा (पेहवा, पेहोवा) हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिला कय एक नगर आय। एहकय पुरान नाम 'पृथूदक' हय। ई एक प्रसिद्ध तीरथ अहै।

इतिहास[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करैं]

महाभारत मा कहा गा हय कि

पुण्यामाहु कुरुक्षेत्र कुरुक्षेत्रात्सरस्वती।
सरस्वत्माश्च तीर्थानि तीर्थेभ्यश्च पृथुदकम्।।

कुरुक्षेत्र पवित्र माना गा हय अउर सरस्वती कुरुक्षेत्रऽव से जादा पवित्र अहै। सरस्वती तीर्थ काफी जादा पवित्र अहै, लिकिन पृथूदक इनमा सबसे जादा पावन अव पवित्र अहै।

महाभारत, वामन पुराण, स्कन्द पुराण, मार्कण्डेय पुराण अउरव तमाम पुराण अव धर्मग्रन्थ के हिसाब से एह तीरथ कय महत्व एह बरे जादा होइ जात है कि पौराणिक व्याख्यान के हिसाब से एह तीर्थ कय रचना प्रजापति ब्रह्मा पृथ्वी, पानी, हवा अव अकाश के साथ सृष्टि कय शुरुआत केहे रहें। 'पृथुदक' शब्द कय उत्पत्ति कय सम्बन्ध महाराजा पृथु से रहा हय। एह जगह पृथु अपने बाबू के खतम भये के बाद उनकय किरिया करम अव श्राद्ध केहें। यानी जहां पृथु अपने बाबू का उदक यानि पानी देहें । पृथु अव उदक के जोड़ से ई तीरथ पृथूदक कहलाइस।

वामन पुराण के हिसाब गंगा के तट पय रहय वाले रुषंगु नामक ऋषि आपन आखिरी समय जानिके मुक्ति की इच्छा से गंगा का छोड़िके पृथुदक मा जाय के बरे अपने बेटवन से गुजारिश केहे रहें। क्योंकि उसका कल्याण गंगा द्वार पर संभव नहीं था। पद्मपुराण के लेखा जौन मनई सरस्वती के उत्तरी तट पय पृथुदक मा जप करत करत अपने शरीर कय छ्वाड़त हय, वहि का नि:संदेह अमरता मिलि जात हय।


पेहवा मा गु्र्जर प्रतिहार वंश कय महान शासक मिहिर भोज कय घोड़ा केंद्र रहा,हियाँ घोड़न कय बयपार होत रहा। उनका भोज देव कहा गा अहै पेहवा से गुर्जर प्रतिहार शासक मिहिर भोज कय एक अभिलेखऽव मिला अहै ।

भौगोलिक स्थिति[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करैं]

पिहोवा राष्ट्रीय राजमार्ग 65 पय स्थित अहै। एहकय भौगोलिक स्थिति अहै- 29.98°N 76.58°E. समुद्र के तल से औसत उँचाई 224 मीटर हय।

आवागमन[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करैं]

वायु मार्ग पिहोवा के सबसे नगीच चण्डीगढ़ अउर दिल्ली हवाई अड्डा अहै। चण्डीगढ़, दिल्ली से घूमय वाले कार, बस अउर टैक्सी से राष्ट्रीय राजमार्ग 65 अव राष्ट्रीय राजमार्ग 1 से असानी से पिहोवा तक पहुँचि सकत हइँ।

रेल रस्ता रेलरस्ता से पिहोवा पहुंचय बरे घूमय वालेन का पहिले कुरूक्षेत्र या अंबाला आवय का परत हय ।

रोड रस्ता दिल्ली से घूमय वाले कार, बस अउर टैक्सी से राष्ट्रीय राजमार्ग 1 से कुरुक्षेत्र तक, वहिके बाद पिहोवा तक पहुँचि सकत हँय। चण्डीगढ़ से राष्ट्रीय राजमार्ग 65 से सीधा पिहोवा तक पहुँचि सकत हँय। पंजाब से पटियाला से भी रोड रस्ता से पिहोवा तक आइ सकत हइँ।



बाहेरी कड़ियाँ[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करैं]

सन्दर्भ[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करैं]