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राम नवमी

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राम नवमी के चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के नवमी के दिन मनावा जात है जवन अप्रैल-मई मा पड़त है। हिन्दू ग्रंथों के अनुसार आज ही के दिन चरित्र के प्रतिमूर्ति भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ[]

अयोध्या, उत्तर प्रदेश स्थित जन्मभूमि मंदिर में श्री "राम" कि प्रतिमा
चैत्रे नवम्यां प्राक् पक्षे दिवा पुण्ये पुनर्वसौ ।
उदये गुरुगौरांश्चोः स्वोच्चस्थे ग्रहपञ्चके ॥
मेषं पूषणि सम्प्राप्ते लग्ने कर्कटकाह्वये ।
आविरसीत्सकलया कौसल्यायां परः पुमान् ॥ (निर्णयसिन्धु)

स्वयं गोस्वामी तुलसीदास रामचरितमानस, बालकांड मा लिखिन हैं कि अयोध्यापुरी मा विक्रम संवत १६३१ (१५७४ ई.) के रामनवमी (मंगलवार) के दिन रामचरितमानस कै रचना प्रारंभ किहिन हैं। गोस्वामी जी ने रामचरितमानस में श्री राम के जन्म का वर्णन इस प्रकार किया है[]-

भये प्रगट कृपाला दीनदयाला कौसल्या हितकारी।
हरषित महतारी मुनि मन हारी अद्भुत रूप बिचारी॥
लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुज चारी।
भूषन वनमाला नयन बिसाला सोभासिन्धु खरारी॥
कह दुइ कर जोरी अस्तुति तोरी केहि बिधि करौं अनंता।
माया गुन ग्यानातीत अमाना वेद पुरान भनंता॥
करुना सुख सागर सब गुन आगर जेहि गावहिं श्रुति संता।
सो मम हित लागी जन अनुरागी भयउ प्रकट श्रीकंता॥

हिन्दू धार्मिक ग्रंथन के अनुसार त्रेता युग मा भगवान विष्णु, रावण के अत्याचारन का समाप्त करै अऊर धर्म का पुनः स्थापित करै के ताईं पृथ्वी पै श्री राम के रूप मा अवतार लिहिन। श्री रामचन्द्र जी का जन्म चैत्र शुक्ल के नवम दिन पुनर्वसु नक्षत्र और कर्क रानी रानी कौशल्या के गर्भ से राजा दशरथ के घर में हुआ था


पूरे भारत मा रामनवमी मनावा जात है। तेलंगाना का भद्रचलम मंदिर एक अइसन जगह है जहां रामनवमी बहुत धूमधाम से मनावा जात है। श्री रामनवमी का पर्व पिछले कई हजार सालों से मनाया जा रहा है।

रामायण के अनुसार, अयोध्या के राजा दशरथ के तीन मेहरारू रहीं, लेकिन बहुत समय तक, ओनमा से कौनो भी ओनका बच्चा के आनन्द नाहीं दे पाइस, जेकरे कारण राजा दशरथ बहुत परेशान रहे। पुत्र पावै के ताईं वशिष्ठ मुनि राजा दशरथ का पुत्रकामेष्टि यज्ञ करै कै बिचार दिहिन। यहिके बाद राजा दशरथ अपने दामाद महर्षि ऋषिशृंग के माध्यम से यज्ञ करिन। यहिके बाद अग्निदेव अपने हाथन मा खीर कै कटोरा लइके यज्ञ अग्नि से बाहर आइन।

यज्ञ पूरा होय के बाद महर्षि ऋषशृंगा दशरथ के तीन पत्नियन मा एक-एक कटोरा खीर दिहिन। खीर खाये के कुछ महीना के भीतर तीनौ रानी गर्भवती होइ गइन। ठीक ९ महीना बाद राजा दशरथ के सबसे बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान विष्णु के सातवें अवतार श्री राम को जन्म दिया, कैकेयी ने श्री भरत को जन्म दिया और सुमित्रा ने जुड़वाँ बच्चन श्री लक्ष्मण और श्री शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान श्री राम दुष्ट प्राणियों का नाश करने के लिये धरती पर पैदा हुए।

  1. "प्रभु श्रीराम की असली जन्म दिनांक". hindi.webdunia.com (हिन्दी में). 26 July 2014. मूल से 1 September 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 April 2025.
  2. "Google Books". Google. अभिगमन तिथि 4 April 2025.