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हनुमान जन्मोत्सव

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हनुमान जन्मोत्सव या हनुमान जयंती एक हिन्दू त्योहार है। ई चैत्र मास के पूर्णिमा के दिन मनावा जात है।[] माना जात है कि हनुमानजी कै जनम यही दिन भवा रहा।[] हनुमान जी का कलियुग के सबसे प्रभावशाली देवता माना जात है।

पंचमुखी हनुमान जी

विष्णु जी के राम अवतार के बाद रावण को दिव्य शक्ति प्रदान हुई जेकरे कारण रावण ने मोक्ष प्राप्त करै के लिए भगवान शिव से वरदान माँगा अऊर उनसे मोक्ष प्रदान करै के लिए एक रास्ता बतावै का कहिन। तब भगवान शिव ने राम के माध्यम से मोक्ष प्रदान करै के लिए नाटक रचिन। भगवान शिव के दिव्य नाटक के अनुसार उ हनुमान के रूप मा जन्म लिहिन ताकि उ रावण का मोक्ष प्रदान कर सकै। भगवान शिव के अवतार हनुमान स्वयं राम का यहि काम मा सहायता करै आइन अऊर उ अनन्तकाल के लिए अमर होइ गें। रावण के बर के अनुसार उन्हें मृत्यु ही नहीं मोक्ष भी मिला

हनुमान जयंती पै मड़ई दर्शन खातिर हनुमान मंदिर जात हवैं। कुछ लोग व्रत तक रखत हैं अऊर बहुत उत्साह अऊर ऊर्जा के साथ ओनके पूजा करत हैं। चूंकि कहा जात है कि उ बचपन से ब्रह्मचारी रहे, यहिसे उनका पवित्र धागा भी पहिरवावा गा रहा। हनुमानजी कय मूर्तियन पे सिंदूर औ चाँदी कय पन्नी लगावै कय परम्परा अहै।[ कहा जात है कि हनुमान जी एक बार राम के दीर्घायु के लिए अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाये रहे और यही वजह है कि उ और उनके भक्त सिंदूर लगाना बहुत पसंद करत हैं जेका चोल कहा जात है। शाम के समय दक्खिन मुखी हनुमान मूर्ति के सामने अपने आप का शुद्ध करै अऊर मंत्रोपित करै का बहुत महत्व दीन जात है। हनुमान जयंती पर रामचरितमानस का सुन्दरकाण्ड पाठ पढ़कर भी हनुमानजी प्रसन्न हो जात... आज के दिन सब मंदिरन मा तुलसीदास के रामचरितमानस औ हनुमान चालीसा कै पाठ कीन जात है। जगह-जगह भंडारा कै आयोजन कीन जाथै। तमिलनाडु अऊर केरल मा हनुमान जयंती मार्गशीर्ष महीना के अमावस्या के दिन अऊर उड़ीसा मा वैशाखा महीना के पहिला दिन मनाई जात है। कर्नाटकआंध्र प्रदेश मा ई त्योहार चैत्र पूर्णिमा से वैशाखा महीना के दस तारीख तक मनावा जात है।

  1. "Hanuman Janmotsav 2025: हनुमान जन्मोत्सव पर शनिवार का संयोग, ढैय्या-साढ़ेसाती से बचने के लिए करें ये उपाय". Amar Ujala (हिन्दी में). 2025-04-11. अभिगमन तिथि 2025-04-11.
  2. "Google Books". Google. 2021-09-29. अभिगमन तिथि 2025-04-11.