आचार्य विश्वनाथ पाठक

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विश्वनाथ पाठक अवधी भाषा के एक कवि अहेन।

जीवन परिचय[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करैं]

आधुनिक अवधी कविता कै महान कवि विश्वनाथ पाठक कै जनम २४-जुलाई १९३१ क फैजाबाद जिला के पठखौली गाँव मा भा। इनकै पिता कै नाव श्री रामप्रताप पाठक है। पाठक जी अवधी, हिन्दी, संस्कृत, पालि, प्राकृत औ अपभ्रंस भासा कै विद्वान हैं। यहि साइत फैजाबाद सहर के मोदहा नाव कै मोहल्ला मा रहत अहैं। ‘सर्वमंगला’ पाठक जी कै लिखी अनोखी रचना है, जेहिपै लखनऊ औ अवध विस्वविद्यालय मा कयिउ सोधौ कीन गा है। यहि रचना कै दुइ सर्ग अवध विस्वविद्यालय के बी.ए.-तिसरे साल के सिलेबस मा रखा गवा हैं। यही ‘सर्वमंगला’ कै पहिला सर्ग हियाँ प्रस्तुत अहै। सर्वमंगला पुस्तक ‘भवदीय प्रकाशन, शृंगारहाट, अयोध्या-फैजाबाद’ से छपी अहाय।

प्रमुख कृती[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करैं]

  • सर्वमंगला

बाहर के कड़ियाँ[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करैं]