गोस्वामी तुलसीदास
गोस्वामी तुलसीदास कय जन्म सावन कय शुक्ल पक्ष सप्तमी मे वर्तमान भारत कै उत्तरप्रदेश कै चित्रकूट मे भए रहा। वन हिन्दु कै प्रसिद्ध ग्रन्थ "रामचरितमानस" कै रचियता होयँ। उनका जन्म राजापुर गाँव (वर्तमान बाँदा जिला) उत्तर प्रदेश में भवा रहै। अपने जीवनकाल मा ऊ १२ ग्रन्थ लिखिन्। ऊ संस्कृत विद्वान होने के साथ ही हिन्दी भाषा के प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ कवियन् मा एक माना जात हैं। श्रीरामचरितमानस वाल्मीकि रामायण का प्रकारान्तर से ऐसन अवधी भाषान्तर अहै जीमा अन्य भी कयु कृतिन् से महत्वपूर्ण सामग्री समाहित कई गय रहा। रामचरितमानस का समस्त उत्तर भारत मा बड़े भक्तिभाव से पढ़ा जात् है। ईके बाद विनय पत्रिका उनका एक अन्य महत्वपूर्ण काव्य माना जात है। त्रेता युग के ऐतिहासिक राम-रावण युद्ध पे आधारित वनके प्रबन्ध काव्य रामचरितमानस कय विश्व के १०० सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय काव्यन् मा ४६वाँ स्थान दिया गवा है।
जन्म
[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करैं]उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले मा कुछु दूरी पर राजापुर नामक एक ग्राम रहै, हुंवाँ आत्माराम दुबे नाम के याक प्रतिष्ठित सरयूपारीण ब्राह्मण रहत रहैं। उनकी धर्मपत्नी का नाम हुलसी रहै। संवत् १५५४ के श्रावण मास के शुक्लपक्ष की सप्तमी तिथि के दिन अभुक्त मूल नक्षत्र मा इन्हीं भाग्यवान दम्पति के हिंयाँ ई महान आत्मा मनुष्य योनि मा जन्म लिहिन। प्रचलित जनश्रुति के अनुसार शिशु पूरे बारह महीने तक माँ के गर्भ मा रहे के कारण अत्यधिक हृष्ट पुष्ट राहै और ऊके मुख मा दाँत दिखायी देत रहैं। जन्म लेने के बाद प्राय: सभी शिशु रोया ही करत हैं पर ई बालक जो पहिल शब्द बोलिस ऊ राम रहै। इहे मारे इनका घर का नाम ही रामबोलान्पड़ गवा।