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ग्रामर्षि शिवदास आत्रेय

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ग्रामर्षि शिवदास आत्रेय अवधी भाषा के साहित्यकार अहै। आत्रेय जी के घर उत्तर प्रदेश क्य सुल्तानपुर जनपद में धनपतगंज बजार के पास अहै। आत्रेय जी एक किसान रहे के बावजूद आपन साहित्य साधना भी करत बाटेन। एनके द्वारा एतना कुल ले साहित्य सृजन किहा बाटइ कि सब एनका ग्रामर्षि कहै लागेन।

आत्रेय जी के अपने शब्द में ही एहि प्रकार बा- “मैं ग्रामर्षि शिवदास आत्रेय पिताजी का नाम श्री सोमन आत्रेय माताजी का नाम श्रीमती छोटका देवी निवास शिवनाथपुर ग्राम अतरसुमां कला जनपद सुलतानपुर का पुत्र हूं। पत्नी ज्ञानवती देवी के साथ समस्त वंश गण शिव भक्त आराधक होने के कारण अनधिकार चेष्टा को सफल बनाते हुए असमर्थता युक्त होने पर भी अपनी बल बुद्धि अनुसार गुणानुवाद किया। समस्त राष्ट्रीय विज्ञ, वेदज्ञ, तत्वज्ञ एवं सर्वज्ञ ज्ञानदाताओं के समक्ष प्रेषित करके इस आशा अभिलाषा में संग्रहीत होता हूं कि त्रुटियों को दूर कर पठन-पाठन-मनन की सुविधा पाकर आत्मिक बन्धु के समान आशीर्वचन प्रदान करेंगे। आपकी प्रसन्नता ही हमारी प्रसन्नता है। भूल अनबन के लिए क्षमा आशायें तरंगित हैं।”

आप के कुछ रचना के नाम नीचे दिहा जात बा। एहमन में से शिवशक्ति महाकाव्य आप सब के सेवा में समर्पित बा। हनुमान-चरित के टाइपिंग चलत बा। आवै वाले कुछ महीना में इहौ आप सब के पढ़ै के मिले।

  • शिव-शक्ति कथा (महाकाव्य)
  • उपासना खण्ड(भूमिका) (सात खंड में बाटे)
  • नुमान चरित (महाकाव्य, शीघ्र प्रकाश्य)
  • दुर्गा शप्तशती (खण्डकाव्य)