रावण
रावण महान विद्वान अव परम शिवभक्त लंकाधिपति रहेँ।[१] रावण लंका कै राजा रहे। रावण श्री राम के कट्टर दुश्मन रहे अऊर अपने दस सिरन के लिए भी जाने जात रहे, जेकरे कारण उनकर नाम दशानन (दश = दस + अनन = चेहरा) रहा। कौनो भी काम के लिए नायक के साथे एक मजबूत खलनायक होब बहुत जरूरी है। कुछ मान्यताओं के अनुसार रावण मा भी बहुत अच्छा गुण रहे। सरस्वत ब्राह्मण महर्षि पुलस्त्य ऋषि के पिता औ विश्रवा के पुत्र [२] रावण भगवान शिव के कट्टर भक्त, एक चतुर राजनेता, एक महान योद्धा, अत्यंत शक्तिशाली, शास्त्रन के गहन विद्वान, एक महान विद्वान, एक पंडित अऊर एक महान ज्ञानी व्यक्ति रहे। रावण के शासनकाल मा लंका कय महिमा चरम पर रही औ उ आपन महल पूरी तरह से सोना से बनाये रहे, यहिसे ओनकै नगर लंका कय स्वर्ण लंका या स्वर्ण नगरी भी कहा जात है। रावण कै बियाह मंडोदरी से भा रहा। माना जात है कि मंडोदरी का जन्म राजस्थान के जोधपुर जिले में हुआ था। आज भी वहाँ महाराजा रावण का पूजा होत है; रावण कै चवरी अबहूँ वहीं बा, जहाँ रावण कै बियाह भा रहा। रावण के तीन भाई रहें जे एकै महतारी के संतान रहें, उई कुंभकर्ण अऊर विभीषण हैं। हालांकि, पाराशर संहिता अऊर अद्भुत रामायण के अनुसार, रावण के एक बड़ा भाई शतानन रावण या सहस्त्रनन अऊर दुई छोट भाई रहें जेकर नाम कुंभकर्ण अऊर विभीषण रहें। पाराशर संहिता औ अद्भुत रामायण के अनुसार सहस्त्रनन का माता सीता भद्रकाली के रूप मा वध किहिन।

श्री राम, हनुमान, लक्ष्मण के हाथन कई बार पराजित होइ चुके हैं। 7 अउर 8 दिन सूर्यास्त होय के कारन राम से जीवन रक्षक उपचार कराइन। साधारण लुटेरन से भी रावण पराजित होइगा। अंगद अकेले ओनका अपनी पूँछ से बाँध लिहे रहे।

सन्दर्भ
[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करैं]- ↑ डेस्क, हिंदी स्पीकिंग ट्री (2017-06-09). "शिव ताण्डव स्तोत्र और रावण के बीच है गहरा संबंध". Hindi Speakingtree (हिन्दी में). अभिगमन तिथि 2025-04-11.
- ↑ "Google Books". Google. अभिगमन तिथि 2025-04-11.