दीपावली
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दीअन कय जगमग | |
आधिकारिक नाँव | दीपावली |
दुसर नाँव | दिवाली, दीवाली,बडका अमवसा |
मनावय वाले | हिन्दू, भारतीय,नेपाली,हिन्दु प्रवासी |
किसिम | धार्मिक, सामाजिक |
उद्देश्य | धार्मिक निष्ठा, उत्सव, मनोरंजन |
सुरुवात | रामायण काल से |
तिथि | कातिक अमवसा |
२०२३ तिथि | १२ नवंबर [१] |
रिवाज | गणेश-लक्ष्मी पूजन अव दीपमाला |
उत्सव | रौशनी, सजावट, आतिशबाज़ी |
वईसय दुसर त्युहार | छोटका दीपावली या नरक चौदस |
दिपावली हिन्दुन कय एक्ठु बडा त्युहार होय । दीपावली (संस्कृत: दीपावली: = दीप + आवलीः = पंक्ति, यानी पंक्ति में रखे गए दीपक) शरद ऋतु (उत्तरी गोलार्ध) मा हर साल मनावा जाय वाला एगो पौराणिक सनातन उत्सव ह । ई कार्तिक मास की अमावस्या का मनावा जात है औ भारत का सबसे बड़ा औ सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार में से एक होय । आध्यात्मिक रूप से इ 'अन्धकार पर प्रकास' क विजय का प्रतीक अहइ।।[२]
भारतवर्ष मा मनाये जाय वाले सभी पर्वन् में से दीपावली कय सामाजिक अउर धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व अहै। इ दीपोत्सव भी कहा जात ह । 'तमसो मा ज्योतिर्गमय' अर्थात (हे भगवान! मोका अँधियारा स प्रकास कइँती लावा। उपनिषद मा इहै आदेश बा। सिख, बौद्ध अउर जैन लोग भी ई त्यौहार मनावत हयन। [३][४] जैन लोग ई महावीर के मोक्ष दिवस के रूप मा मनावत हयन अउर सिख समुदाय ई बंदी छोड़ दिवस के रूप मा मनावत हयन।
मान्यता
[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करैं]मान्यता हवे कि दीपावली के दिन अयोध्या के राजा श्री राम आपन चौदह साल के वनवास के बाद लौटे रहे. अयोध्यावासियन क मन अपने परम प्रिय राजा क आगमन स प्रफुल्लित होइ गवा रहा। अयोध्यावासी श्रीराम का स्वागत करत घी का दीपक जलाइन। कार्तिक मास की सघन काली अमावस्या की ऊ रात दीपा की रौशनी से जगमगा उठी। तब से आज तक हर साल भारतीय लोग प्रकाश पर्व मनावत रहे हैं अउर ई पर्व बहुतै धूमधाम से मनावा जात है । भारतीयों का विश्वास है कि सत्य का जीत हो, असत्य का खात्मा हो. दीपावली यही चरितार्थ करती है - असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय। दीपावली स्वच्छता अउर प्रकाश का पर्व ह। दिवाली खातिर तैयारी कई हफ्ता पहिले शुरू हो जात है। लोग आपन घर-बार, दुकान वगैरह का साफ सफाई के काम शुरू कर देत हैं। मकानन मा मरम्मत, रंग - रोगन, सफ़ाई आदि का काम होखे लागेला. लोग दुकान भी साफ सुथरा अउर सजावट भी करैं। बाजारन मँ गलियन क भी सुनहरी झण्डियन स सजावा जात ह। दीपावली से पहिले ही घर-मोहल्ले, बाजार सब साफ-सुथरा अउर सज-धज के नजर आवत हैं।
सदर्भ
[सम्पादन | स्रोत सम्पादित करैं]- ↑ Agnihotri, Akanksha (9 November 2023). "Diwali 2023 calendar: From Dhanteras to Bhai Dooj, full details of 5 days of Deepawali and city wise Lakshmi puja timing". Hindustan Times. अभिगमन तिथि 11 November 2023.
- ↑ Vera, Zak (February 2010). Invisible River: Sir Richard's Last Mission. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-4389-0020-9. अभिगमन तिथि 26 October 2011.
First Diwali day called Dhanteras or wealth worship. We perform Laskshmi-Puja in evening when clay diyas lighted to drive away shadows of evil spirits.
- ↑ Sharma, S.P.; Gupta, Seema (2006). Fairs and Festivals of India. Pustak Mahal. पृ॰ 79. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-223-0951-5.
- ↑ Upadhye, A. N. (Jan–Mar 1982). Cohen, Richard J. (संपा॰). "Mahavira and His Teachings". Journal of the American Oriental Society. American Oriental Society. 102 (1): 231–232. JSTOR 601199. डीओआइ:10.2307/601199.