रामचरितमानस
श्री रामचरितमानस अवधी भाषा मा गोस्वामी तुलसीदास द्वारा १६वीं सदी मा रचा गवा कालजई महाकाव्य होय। एह ग्रन्थ का अवधी साहित्य कय यक महान कृति माना जात है। यहिका सामान्यतः 'तुलसी रामायण' या 'तुलसीकृत रामायण' भी कहा जात है। रामचरितमानस भारतीय संस्कृति मा एक विशेष स्थान रक्खत है। उत्तर भारत मा 'रामायण' के रूप मा बहुत जने रोज पढ़त हैं। ठंडी वाली नवरातम् मा एहकै सुन्दर काण्ड कय पाठ पूरे नौ दिन करा जात है। रामायण मण्डलऽन् द्वारा मंगलवार अउर शनिवार का एहके सुन्दरकाण्ड कय पाठ कीन जात है।
रामचरिमानस कै कुछ दोहा औ चौपाई :
हरि अनन्त हरि कथा अनंता , पढ़ई लिखहि बहु बिधि सब संता।।
होई हैं वहीं जो राम रचि राखा, को कहि तर्क बढावहि शाखा।।